नई दिल्ली (एडीएनए)। इंडिगो की लापरवाही से 25 लाख से ज्यादा यात्रियों को भारी असुविधा हुई। अब तक इंडिगो की ढाई हजार से अधिक उड़ानें निरस्त हो चुकी हैं। मंगलवार यानी 9 दिसम्बर को भी संकट बरकरार है, हालांकि निरस्त होने वाली उड़ानों की संख्या कुछ घटी है। इस बीच सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए एयरलाइन के CEO और COO को तलब कर लिया है, अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट लागू करने के बाद से इंडिगो की उड़ानें प्रभावित हुईं। एक सप्ताह से जारी संकट अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है, हर रोज सैकड़ों उड़ानें रद्द होने से लाखों यात्री परेशान हो रहे हैं। इंडिगो का दावा है कि अब तक यात्रियों को एयरलाइन 830 करोड़ रुपये से ज्यादा रिफंड कर चुकी है। हजारों य़ात्री ऐसे हैं जिनका पैसा तो वापस मिल गया लेकिन उनके काम रुक गए और लगेज अभी तक नहीं मिल पाया है। इस पर तमाम यात्री सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं, हालांकि कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार किया है।
इस बीच माना गया है कि सरकार की ओर से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट लागू करने पर इंडिगो की ओर से ब्लैकमेलिंग के लिए यह सब जानबूझ कर किया गया है। नया नियम लागू होने पर इंडिगो ने कोई योजना नहीं बनायी जिससे लाखों यात्री परेशान हुए, यह संकट मंगलवार को भा जारी रहा। दिल्ली, लखनऊ समेत तमाम बड़े शहरों में उड़ानों के निरस्त होने का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया। हालांकि उतनी बड़ी संख्या में उड़ानें निरस्त नहीं हुईं जैसा कि पिछले 3-4 दिनों में देखने को मिल रहा था, माना जा रहा है कि अगले 2-3 दिनों में संकट दूर हो जाएगा लेकिन लोगों का लगेज लौटाने में अभी भी 3-4 दिन लग सकते हैं।
डीजीसीए ने इंडिगो के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है। इंडिगो को नोटिस जारी करने के साथ CEO और COO को पूछताछ के लिए तलब कर लिया गया है, सरकार की ओर से संकेत मिले हैं कि एयरलाइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, खुद उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा है कि ऐसी कार्रवाई होगी कि लम्बे समय तक लोग याद रखेंगे। इस बीच इंडिगो की ओर से सफाई दी गई है कि संकट कई तकनीकी कारण और फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट के कारण पैदा हुआ, हालांकि इंडिगो की ओर से असुविधा के लिए यात्रियों से क्षमा भी मांगी गई है।