नई दिल्ली (एडीएनए)। 10 दिन तक लगातार फ्लाइट्स रद्द होने पर इंडिगो को एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा। इसके साथ उसकी साख गिरी और शेयर धड़ाम हो गए। इस बीच साढ़े 5 हजार से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हुईं और 25 लाख से ज्यादा यात्री परेशान हुए।
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन संकट में आयी तो देश भर में हाहाकार मच गया। इंडिगो हर रोज 2200 फ्लाइट्स का संचालन करती है, हलांकि संकट के बाद सरकार ने उसकी 220 फ्लाइट्स की कटौती की है। एक-एक दिन में 600-700 तक फ्लाइट्स रद्द हुईं तो हजारों नहीं लाखों यात्री परेशान हुए। देश ही नहीं पूरी दुनिया में इंडिगो की बदनामी हुई, उसे सीधे तौर पर 1000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। इंडिगो को 828 करोड़ रुपये के आसपास ऱिफंड करना पड़ा, इसके अलावा कई करोड़ का हर्जाना भरना पड़ा। यात्रियों के लिए व्यवस्थाओं में करोड़ों रुपये खर्च करने पड़े।
सबसे बड़ा नुकसान इंडिगो की साख को लगा, CEO को बार-बार माफी मांगनी पड़ी। जो एयरलाइन लगातार विमान खरीद रही थी और उड़ानें बढ़ा रही थी उसका ऐसा झटका लगा कि आगे की योजनाएं रोकनीं पड़ीं। इंडिगो ने 20 सालों में जो साख बनायी थी वह 10 दिन में मिट्टी में मिल गई, एविएशन क्षेत्र में फिर से उस साख को बनाने में इंडिगो को फिर न जाने कितने साल लग जाएंगे।